गुरुवार, 24 जून 2010

मानसून की पहली दस्तक में बाढ़ की झलक......


दिनांक-22/06/10 को शाम करीब चार बजे रातो नदी में आये बाढ़ का कहर भिट्ठा OP से नेपाल भंसार कोजोड़ने वाली पथ को बुडी तरह अवरुद्ध कर दिया साथ ही भिट्ठा गांव के कुछ हिस्से को खासकर वार्ड नंबर पाँच औरनबका पोखर में पानी घुस जाने से वहां का जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है |जिले के डीएम,प्रखंड विकाशपदाधिकारी और बाढ़ एवं आपदा नियंत्रण आधिकारियों से अपील और आग्रह है की ऐसा कोई ठोस व्यवस्था करेंजिससे आगे किसी प्रकार की भयंकर तबाही को रोका जा सके ,क्योंकि अभी पूरा मानसून बाँकी है |

एक ग्रामप्रधान के नाते सभी से मेरी हार्दिक अपील है की -हर कोई आज इंसानियत को बचाने के लिए काम करे और सत्य,न्याय और ईमानदारी की रक्षा के लिए प्रयास करे

मैं आज बहुत खुश हूँ की मैं इंसानियत की मुहीम में सार्थक सहयोग के लिए HONESTY PROJECT से जुर चूका हूँ और इस दिशा में हार्दिक प्रयास शुरू भी कर चूका हूँ | मैं भी चाहता हूँ की इस देश की आम जनता असल मालिक बने और सब यहाँ तक की प्रधानमंत्री भी एक सच्चे सेवक की तरह व्यवहार करे तब जाकर यह देश सही मायने में विकाश कर पायेगा | मैं अपने ग्राम में भी इस तरह की व्यवस्था के लिए ग्रामसभा की मासिक सभा की व्यवस्था करने जा रहा हूँ जिसमे जनता जो कहेगी वही काम होगा ,इस दिशा में जिले के DM सहित मुझे हर छोटे-बड़े प्रशासनिक अधिकारीयों से सार्थक सहयोग की आशा है साथ-साथ हमें अपने ग्राम के हर वर्ग के इमानदार और प्रबुद्ध नागरिकों से भी हार्दिक सहयोग और सहायता की अपेक्षा है |

मैं यह भी चाहता हूँ की हमारे ग्राम का हर नागरिक ग्राम के समुचित विकाश में सार्थक सहयोग करे जैसे आम रास्ते को चौरा करने एवम अन्य जनहित के काम में अपने निजी स्वार्थ को दूर रखकर एकजुट होकर सहयोग करें जिससे विकाश का काम और भी ज्यादा रफ़्तार से हो सके |इस दिशा में अगर किसी का कोई शिकायत ,सुझाव सलाह हो तो हमें लिखित या मौखिक रूप में जरूर बतायें |

किसी नागरिक का कोई व्यक्तिगत कार्य भी हो तो उसके लिए भी हमसे कभी संपर्क करे हम वादा करते हैं की हम अपनी तरफ से हर किसी को बिना भेद-भाव के सहायता कर उनका सही काम करवाने का पुड्जोर प्रयास जरूर करेंगे |हमारे ग्राम का हर नागरिक कागजी सहायता या प्रारूप तैयार करने के लिए श्री मोहन प्रसाद जी से उनके दुकान ऋषिकेश टेलीकोम (भिट्ठामोर )पे जाकर सहायताके लिए संपर्क कर सकते हैं |



सोमवार, 21 जून 2010

मैं HONESTY PROJECT से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ और मैं चाहता हूँ की इसे देश का हर गांव और समाज अपनाये और इसके लिए ईमानदारी से प्रयास करे ...

बिहार राज्य के एक गांव में पैदा लेकर उम्र के ६१ वें वर्ष बिताने पर जो मैंने देखा और समझा उसमे पाया की समय के वर्तमान दौर में यह गांव बहुत पीछे रह गया है ,साधन के अभाव में तो समुचित पढाई की सुविधा मिल पाती है तथा ही दिशा निर्देश |

विगत दो-ढाई दशक से धार्मिक आस्था के एक केंद्र को सही स्वरुप प्रदान करने के पश्चात् दूसरा कदम उसी शिक्षा व्यवस्था को ग्राम स्तर पर दुरूस्त कर उसे सही रूप में लाने का पुड्जोर प्रयास होगा जिसमे हमें HONESTY PROJECT के देश व्यापी तंत्र से सार्थक सहयोग और सहायता की आशा है साथ-साथ यह भी आश जगी है की HONESTY PROJECT के सामूहिक प्रयास से सरकारी सहायता भी उपलब्ध हो सकेगा जिससे असल जरूरतमंद को शिक्षा की समुचित सुविधा का लाभ मिल सके |

देश के सुदूर गांवों की स्थिति इससे भी बदतर है जहाँ शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की हरहाल में जरूरत है ,उन्नत भारत के लिए सर्वाधिक आवश्यकता है लोगों को साक्षर नहीं बल्कि एक शिक्षित नागरिक बनाया जाय |

रविवार, 20 जून 2010

मैं जुड़ चूका हूँ "HONESTY PROJECT"से.....


मैं अपने ग्राम पंचायत सहित पूरे देश और समाज को आदर्श ग्राम.देश और समाज बनाना चाहता हूँ |HONESTY PROJECT अब हमारा प्रोजेक्ट है और हम इसके विचारों से सहमती रखते हुए इसे पूरे देश में और अपने समाज में पूरी तरह फ़ैलाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ | मैं सच्चे,अच्छे ,इमानदार और देशभक्त लोगों की सुरक्षा हर हाल में करने का प्रयास करूंगा और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करूंगा | मैं देश में असल लोकतंत्र की स्थापना के लिए अपनी जान की परवाह किये बिना निडरता से हरपल तन.मन.धन और वचन से प्रयास करूंगा |मैं अंत में देश के सभी इमानदार व देश भक्त नागरिकों से अपील करता हूँ की सभी को HONESTY PROJECT से जुड़कर देश और समाज हित में ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए और पूरे देश में एक मजबूत सुरक्षा तंत्र बनाकर ऐसे आंदोलनरत लोगों की हर हाल में सुरक्षा करने का प्रयास करना चाहिए |

शुक्रवार, 11 जून 2010

आज देश को प्रधानमंत्री नहीं इमानदार आम नागरिक के सोच पे बनी नीतियों की जरूरत है ...

मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ की एक आमनागारिक अच्छी जनकल्याणकारी निति बना सकता है अगर उसका जमीर जिन्दा है और वह इंसानी उसूलों के प्रति इमानदार है तथा एक प्रधानमंत्री का जमीर अगर मर गया हो और वह इंसानी उसूलों के प्रति इमानदार ना हो तो वह किसी भी देश को नरक बनाकर उस देश के आम नागरिकों का जीना दूभर कर सकता है | इस देश के 62 वर्षों के विकाश के बाद आपकी क्या राय है ?

इस ब्लॉग को पढ़ने वाले और इस वक्त पढ़ रहे लोगों के शहर की जानकारी ...