कौन कहता है की इस देश में इमानदार लोग या इमानदार IPS नहीं हैं लेकिन इन निकम्मे नेताओं को उनका ईमानदारी भरा कार्य कभी पसंद ही नहीं आता है और ऐसे लोगों को हर तरह से परेशान करने की कोशिस की जाती है जिससे इमानदार IPS कानून की मर्यादा के लिए काम ना कर इन नेताओं के कुकर्मों को छुपाने के लिए काम करने को मजबूर किये जाते हैं | इनका परेशान करने का तरीका इतना भयावह है की अच्छे से अच्छा IPS अधिकारी भी थक-हारकर इनकी जी हजूरी करने लगता है | जिससे कानून और व्यवस्था इन नेताओं के रखैल की तरह काम करने लगती है | शर्मनाक है ऐसी हरकत ,इस तरह के नेताओं और मुख्यमंत्रियों के खिलाप इस घिनौनी हरकत के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है जिससे ईमानदारी को इस तरह से हतोत्साहित करने वाले नेताओं को जेल में डाला जा सके |
अभी ईमानदारी को हतोत्साहित करने की ताजा घटना ये है की 1976 बैच के IPS अधिकारी श्री कुलदीप शर्मा को गुजरात सरकार ने 1984 के 26 साल पुराने एक मामले F .I .R दर्ज कर परेशान करने की शर्मनाक साजिश रची जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने निरस्त कर श्री कुलदीप शर्मा को उनके ईमानदारी का इनाम दिया | लेकिन इस फैसले से नरेंद्र मोदी सरकार के व्यवस्था की काली सच्चाई उजागर हुयी और यह पता चला की एक इमानदार IPS जो सत्य-न्याय के अनुसार काम करना चाहता है उसे नरेंद्र मोदी की सरकार किस तरह से परेशान और अपमानित करती है |
गुजरात सरकार की इस शर्मनाक हरकत का हर नागरिक को पुरजोड़ विरोध करना चाहिए | नरेंद्र मोदी जी में अब भी अगर कुछ शर्म बाकीं हो और इमानदार लोगों की सही कद्र करने की इक्षा हो तो तुरंत श्री कुलदीप शर्मा जो की एक पुलिस अधिकारी हैं को पुलिस विभाग में तुरंत वापिस लेकर उनको एक सम्माननीय जगह पदस्थापित कर अपनी शर्मनाक हरकत के लिए अफ़सोस जाहिर करे..
अगर मोदी सरकार ऐसा नहीं करती है तो श्री कुलदीप शर्मा ने अदालत में याचिका तो लगायी ही है की मोदी सरकार उससे गलत काम करवाना चाहती थी जिसके नहीं करने की वजह से उनको पुलिस विभाग से बाहर काम में लगा दिया है | श्री शर्मा के आरोप में सच्चाई और ईमानदारी की सुगंध है और इसपर जब फैसला आएगा तो मोदी की गुजरात सरकार पूरे देश में एक बार फिर शर्मसार होगी ..!
ohhh....ye to sachmuch sharmki baat hai.....vaise aisi baaten aajkal khub ho rahi hai.
जवाब देंहटाएंजान जोखिम में डालकर भी सच्चाई बयां करने वालों पर कोई भी देश गर्व कर सकता है।
जवाब देंहटाएंजहां पुलिस वाले भी परेशान किए जा सकते हों,वहां आम आदमी की हालत सोच कर देखिए।
जवाब देंहटाएंसबको मोदी के विरोध का मौका मिल गया बहुत बढिया, अब जरा कोइ यह बताए कि अमित शाह पर ८ साल बाद केस क्यों?
जवाब देंहटाएंवैसे यहाँ कोई भी ऐसा नही लगता जो गुजरात से हो, मै वहां ६½ साल था और कहना चाहुँगा कि निश्चित तौर पर गुजरात बहुत खतरनाक जगह है, यहां पर अभी तक नैना साहनी तंदूर काण्ड, जेसिका लाल बार काण्ड, प्रियदर्शिनी काण्ड नही हुए है इसलिये यह सुरक्षा के मानको पर पिछडा हुआ है।
जवाब देंहटाएंकाश अजन्मे अविनाशी तक पहुँचने का साधन बन जाये जन्माष्टमी
जवाब देंहटाएंhttp://siratalmustaqueem.blogspot.com/2010/09/blog-post.html