शुक्रवार, 11 जून 2010

आज देश को प्रधानमंत्री नहीं इमानदार आम नागरिक के सोच पे बनी नीतियों की जरूरत है ...

मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ की एक आमनागारिक अच्छी जनकल्याणकारी निति बना सकता है अगर उसका जमीर जिन्दा है और वह इंसानी उसूलों के प्रति इमानदार है तथा एक प्रधानमंत्री का जमीर अगर मर गया हो और वह इंसानी उसूलों के प्रति इमानदार ना हो तो वह किसी भी देश को नरक बनाकर उस देश के आम नागरिकों का जीना दूभर कर सकता है | इस देश के 62 वर्षों के विकाश के बाद आपकी क्या राय है ?

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