वैसे तो बिहार में ह़र वर्ष बाढ़ और आपदा प्रबंधन पर सैकरों कड़ोर रूपये खर्च होते हैं ,लेकिन बाढ़ और आपदा पर नियंत्रण के कोई भी ठोस और सार्थक प्रयास आपको कहिं भी नजर नहीं आएगा | ह़र जगह बाढ़ और आपदा प्रबंधन के नाम पड़ भ्रष्टाचार का प्रबंधन बड़ी ठोस तरीके से किया जा रहा है | कुछ तस्वीर है बिहार के उस जिले और गांव क़ी जहाँ सालो से बाढ़ नियंत्रण पर कड़ोरों रुपया खर्च होने के बाद भी ह़र बारिस में ऐसा नजारा होता है |
ये जिला है बिहार का सीतामढ़ी | अगर इस जिले के बाढ़ और आपदा नियंत्रण के खर्चों क़ी जाँच सीबीआई से ईमानदारी से करायी जाय तो मंत्री,डीएम सहित कई अधिकारी पर अनियमितता तथा आपराधिक लापरवाही से भरे भ्रष्टाचार कि गाज गिर सकती है ....
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ये है भिट्ठा ग्राम के पुलिस चौकी का हाल जहाँ लोगों को रोज अपनी शिकायत व समस्याओं के लिए जाना होता है | |
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ये है वहाँ NH के बगल में रह रहे ग्रामीणों का हाल | |
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ये है भिट्ठामोर चौक का भारत और नेपाल को जोड़ने वाली रोड का हाल | |
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ये है सीमा सशस्त्रबल के भिट्ठा ग्राम के चोकी का हाल | |
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ये है भिट्ठा ग्राम के गरीब ग्राम बासियों का हाल , बाढ़ के पानी में जीना उनके जीवन का अंग बन गया है और भ्रष्टाचार का खेल बेशर्मी से जारी है | |
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ये है भिट्ठामोर के मुख्य व्यवसाय केंद्र का हाल ,यानि भिट्ठामोर चौक | | | |
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dushit byabashthak swakch chitra.
जवाब देंहटाएंabhar ehi prayasak...
s k jha
chd.
Nice article
जवाब देंहटाएंनेताओं के ऊपर लिखा मेरा लेख "नेतागिरी की अजब कहानी" ज़रूर पढ़ें.
जवाब देंहटाएंhttp://pareesthiti.blogspot.com/2010/07/blog-post_26.html
- हरीश कुमार तेवतिया
झा जी भ्रष्टाचार के दानव ने पुरे देश को अपनी चपेट में ले रखा है. अच्छा लेख... बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंआप हमेशा ज्वलंत मुद्दे उठाते रहे है...साधुवाद
जवाब देंहटाएंजब कही सैलाब आता है तो वो अपने पीछे कितनी वीरानियां छोड़ जाता है इस का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल है.
मगर यही आफ़त हमारे जनसेवको के लिए नेमत बन कर आती है.
bilkul vaajib F.I.R.isse acchha to bihar ke logon ko unke haal pe chhod diyaa jaataa.
जवाब देंहटाएंखोजपूर्ण लेख
जवाब देंहटाएंमीडिया प्रबंधन कैसे किया जाता है,कोई नीतीश से सीखे!
जवाब देंहटाएंये तो नमूना है ... जमीनी हकीकत और भी भयावह है ... शिक्षा के क्षेत्र खनिज सम्पदा के क्षेत्र में अग्रगण्य रहा बिहार सामाजिक विषमता के साथ साथ प्रबंधन की कुव्यवस्था का पर्याय बन चुका है
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