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इन बसों कि हालत और कीमत भ्रष्टाचार कि दर्दनाक कहानी कहती है ,49 लाख कि है यह बस ..? |
आज देश के केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने कोमनवेल्थ प्रोजेक्ट में कड़ोरों के घोटाले का भंडाफोर कर दिया है इस लिंक पर जाकर पढ़ें -
http://cvc.nic.in/cwgpress2972010.pdf
हमने अपने ब्लॉग पे हमेशा इस गेम के पीछे के भ्रष्टाचार के गेम के बारे में लिखा है और भी कई ब्लोगरों ने इस गेम के भ्रष्टाचार को बरी गंभीरता से अपने ब्लॉग पर पेश किया है | दरअसल इस गेम ने दिल्ली को कई दशक पीछे और इंसानियत को पूरी तरह रुलाने का काम किया है | इस गेम के नाम पर जो भ्रष्टाचार का नंगा खेल खेला गया है वैसा नंगा खेल कभी नहीं खेला गया था | इस आपराधिक और इंसानियत को शर्मसार करने वाले खेल के पीछे के भ्रष्टाचार के खेल का खुलासा पूरी तरह तब हो पायेगा जब मुख्यमंत्री और मंत्री पद के सम्मान को धक्का लगाकर कड़ोरों रुपया बनाने वालों का ब्रेनमेपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट जनहित में कराया जायेगा | क्योंकि ये ही असल अपराधी हैं इस गेम के पीछे के भ्रष्टाचार के गेम के | ये लोग मानवता के दुश्मन हैं | देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को CVC के रिपोर्ट पर ईमानदारी से दोषियों पर सख्ती के साथ कार्यवाही करनी चाहिए | सारा देश इनकी ओर देख रहा है भ्रष्टाचार से छुटकारा पाने के लिए |
अतः दिल्ली क़ी जनता से और दिल्ली के ब्लोगरों से आग्रह है कि कोमनवेल्थ प्रोजेक्ट के सभी कार्यों क़ी निडरता से जाँच करें और उसमे हुए घोटालों क़ी रिपोर्ट CVC ,प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को कार्यवाही के लिए जरूर भेजें ... याद रखिये देश का कोई भी कानून सत्य को सामने लाने ,घोटालों कि सामाजिक व जमीनी जाँच करने तथा अगर कोई मंत्री भ्रष्टाचार कर रहा हो तो उसके कारनामों को उजाकर कर उसे सजा दिलाने के लिए प्रयास करने से किसी भी नागरिक को नहीं रोकता है | आप सभी को किसी भी सरकारी कार्यों में हो रही हेरा फेरी कि जाँच करने तथा निगरानी करने का अधिकार है |
हमने अपने कुछ पिछले पोस्टों में इस गेम के अन्दर के गेम के बारे में लिखा था साथ ही हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था ,अगर आप चाहें तो लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकतें हैं -
सीवीसी की रिपोर्ट से ऐसे ही हड़कम्प मचा हुआ है। आज के कई अखबारों में इस एंगल से कवरेज हुआ है कि सचमुच प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की जरूरत आ पड़ी है।
जवाब देंहटाएंChaaro taraf loot machi hai.Pehle log sarkari vyavastha ko gaali dete the magar private sector to usse bhi aage nikalrahe hain.
जवाब देंहटाएंKya hoga is Desh ka ..Samagh nahi aata.
जवाब देंहटाएंHar koi janta ka maal khaane men lagaa hua hai.
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